About us

प्रिय पाठकों मैं कोई जन्मजात लेखक या कवि नहीं था और न ही मेरे परिवार का कोई सदस्य इस वर्ग में आता है। कोई ईश्वरीय शक्ति है, जो चंद पलों के लिए मुझमें समाहित होती है और हृदय स्पर्शी कविता या गीत लिखवा जाती है। मैं अदना सा रचनाकार अपनी अनुरागी के लिए ही कवितायें लिखता था। मेरे गीतों की गुनगुनी धूप, मोहब्बत के तुषार में दबे दिलों को कब अच्छी लगने लगी पता ही नहीं चला।
चंद शब्दों के लेखन से लेकर शायरी कविता, गजल, मंचासीन गीत और अब संगीतबद्ध गीतों तक का सफर तय किया। मेरे इस सफर में इंजीनियरिंग के साथियों का बहुत योगदान रहा। उन्होंने मेरी हर पंक्ति को मुक्त कंठ से सराहा और मुझे अविरत लेखन के लिए प्रेरित किया। मैं उन सभी का बहुत आभारी रहूँगा। समय समय पर मुझे विभिन्न परिस्थितियों पर भी लिखने को बोलते रहे। यूँ तो मेरा लेखन कार्य जिसकी परिक्रमा करता है वो साफ साफ़ झलकता है। हमनें जितना लिखा जो भी लिखा अपनी अनुरागी को ही केंद्रबिंदु मानकर लिखा ,फिर भी आप लोगों ने मुझे इतना सराहा इतना चाहा इसके लिए मैं आकाश भर आभार व्यक्त करता हूँ। मैं ये उम्मीद करता हूँ आप मेरी रचनाओं की प्रत्येक पंक्ति का पूर्ण अर्थ समझेंगे। मैं अपने चुनिंदा गीतों की गठरी आपको सौंप रहा हूँ क्या पता आने वाले कल में हम हों न हो।

                                                                                                                                            ashutosh kumar

Note:-  आशुतोष अब हमारी बिच नहीं रहे लेकिन उनकी ये मनोकामना थी की उनके कंटेंट को लाइव किया जाये 

                                                                                                             Developer and site maintenance( Niraj Kumar)

                                                


                                                                           

Post a Comment

0 Comments

Majedar jokes