हंसी ने आना छोड़ दिया है
गम से रिश्ता जोड़ दिया है,
चले गए सब साथी आगे
हमको पीछे छोड़ दिया है।
बदले रिश्ते बनें फ़रिश्ते बदला दुनियां का अंदाज़
खुशियां मेरी दफ़न हो गयी एक तेरे जाने के बाद
सूनी धरती सूना अम्बर,
सूना है ये दिल ए समंदर ।
नहीं सुनायीं देता इसमें लहरों का संवाद
खुशियां मेरी...
हुआ अँधेरा जीवन में अब
गम की आती है हर सांझ,
सदा ही हँसते रहते थे हम
तुम थे सूरज तुम थे चाँद ।
शाम तो रंग में आ जाएगी
सूरज ढल जाने के बाद
खुशियां मेरी...
चलूँ तो पल भर चल ना पाऊं
अंगारों पे जल न पाऊँ,
यही तमन्ना है अब मेरी
वक्त के सांचे में ढल जाऊं ।
साथ हवा के चल नहीं सकता पैर फिसल जाने के बाद
खुशियां मेरी.
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