मेरी प्रेम कहानी में
उनकी मनमानी होत,
जिनके आँसू हम पिए
वे पानी न होत ।
सजल नैंन अब तुम्हें बुला
होठ मेरे कुछ कह न पावैं,
लाख छुपावें हम उनको
चुपके से वे वह जावें।
जानें कब तक साथ निभावे
आँखों के ये स्त्रोत,
जिनके आँसू हम पिए
वे पानी न होत
टेर नैंन की तुम
मुख से अपने कुछ कह दीजो,
शिकवे सब मिट जावेंगे
आखिरी खबरिया तुम लीजो ।
यहाँ हम पल पल
जीवन खोत,
जिनके आंसू हम पिए
वे पानी ना होत ॥
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