वो कहती मत गीत लिखो तुम लोग कहानी पूछेंगे
अब हो गए सयाने तुम वो नादानी पूछेंगे।
वो कहती.........
तुमसे अतीत की साँधी सी
स्मृतियाँ पूछी जाएँगी,
एक पल चमकैर्गी आँखें
एक पल नम हो जायेंगी।
उन आँखों में धुंधली सी तस्वीर पुरानी पूछेंगे
वो कहती ..........
अंदर से तुम टूट चुके हो
पर हँसते मुस्काते हो,
खुशियाँ दामन में हैं कम
जाने किस पे इतराते हो।
तेरी झूठी मुस्कानों की वो तो बेईमानी पूछेंगे
वो कहती ........
दर्द शिरोमणि तुम बन बैठे
गीत प्यार के गाते हो,
भूली बिसरी यादों को
फिर से तुम दोहराते हो।
तेरे गीतों ग़ज़लों की वो दीवानी पूछेंगे
वो कहती......
तेरे गीतो गजलों को
क्या मैं भी सुन पाती हूँ,
साल महीने हफ्ता दिन मे
तेरी हर खामोशी की वो तो कर्बोनी पूछेंगे
वो कहती......
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